
उर्दू भारतीय संस्कृति की पहचान है: मौलाना चिश्ती
गुरुवार, 10 सितंबर 2020
केसरिया (Kesariya): (संसू)प्रखंड क्षेत्र के कौमी एकता फ्रंट कार्यालय में अवामी उर्दू निफा़ज़ कमीटी के सदस्यों की एक बैठक आयोजित की गई।
जिस बैठक अध्यक्षता अवामी उर्दू निफा़ज कमीटी के जिलाध्यक्ष अनिसुर रहमान चिश्ती ने की जबकि संचालन मौलाना सईद अहमद कर रहे थे।
इस बैठक को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष मौलाना चिश्ती ने कहा कि उर्दू भारतीय संस्कृति की पहचान है। इस भाषा की हिफाजत मुंशी प्रेमचंद,पंडित दयाशंकर,फिराक गोरखपूरी,राम प्रसाद बिस्मिल सहित बड़े बड़े विद्वान ने की है।
वही उन्होंने कहा कि उर्दू जुबान राष्ट्रीय एकता की प्रतिक है जिसे हमारे राज्य के द्वितीय भाषा में शामिल है।
वही बिहार सरकार पर तंज़ कसते हुए कहा कि शिक्षा विभाग ने हमारी उर्दू जुबान को अनिवार्य विषय से कोसों दूर कर सौतला रवैया एख्तेयार किया है जिससे उर्दू भाषा से प्रेम करने वालो के बीच सरकार के प्रति खाशी नाराजगी है।
मौके पर हकीम नबी जान,मौलाना सेराजुलहक़,हाफिज़ ओबैद रजा,मौलाना नेमतुल्लाह,रहमत अली रामपूरी,अख्तर हुसैन,फैज़ान मुस्तफा,असलम अली,ताबिश नेयाज़,रुसतम अली,अशफाक़ खान,तहसीन खान,अहमद राजा इत्यादि उपस्थित थे।
केसरिया से दिनानाथ पाठ की रिपोर्ट