
आज तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा
चकिया (Chakia): श्री शुभ संवत २०७७ :- आश्विन शुक्ल पक्ष , तृतीया , 19 अक्टूबर 2020सोमवार , चंद्रघण्टा पूजन
भगवती दुर्गा अपने तीसरे स्वरूप में चन्द्रघण्टा नाम से जानी जाती हैं। नवरात्र के तीसरे दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन किया जाता है। इनका रूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। इनके मस्तक में घंटे के आकार का अर्धचन्द्र है। इसी कारण से इन्हें चन्द्रघंटा देवी कहा जाता है। इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला हैं। इनके दस हाथ हैं। इनके दसों हाथों में खड्ग, बाण अस्त्र दृ शस्त्र आदि विभूषित हैं। इनका वाहन सिंह है। इनकी मुद्रा युद्ध के लिए उद्यत रहने की होती है। इनके घंटे सी भयानक चण्ड ध्वनि से अत्याचारी दानव-दैत्य-राक्षस सदैव प्रकम्पित रहते हैं।
नवरात्रि के दुर्गा-उपासना में तीसरे दिन की पूजा का अत्याधिक महत्व है। माता चन्द्रधण्टा की उपासना हमारे इस लोक और परलोक दोनों के लिए परमकल्याणकारी और सद् गति को देने वाली है ।
ध्यान :- वन्दे वाच्छित लाभाय चन्द्रर्घकृत शेखराम्।
सिंहारूढा दशभुजां चन्द्रघण्टा यशंस्वनीम् ।।
आज का शुभ रंग : पीला
माँ चन्द्रघण्टा को पीला रंग बहुत प्रिय है। इसलिए उन्हें पीला रंग की चुनरी , नारियल और मीठा पान अवश्य भेंट करें और पीला या हरा वस्त्र स्वयं भी धारण करें।
किस राशि के लिए शुभ
सभी 12 राशियों के लिए शुभ, विशेषकर मेष और वृष राशि के लिए अति उत्तम।
आज के दिन चंद्रघण्टा माता को गाय का दूध भोग लगाएं , शोक , दु:ख दूर होता है। कौनसी मनोकामनाएं होती है पूरी
सच्चे मन से पूजा करने वाले मनुष्य के मन की सारी मुरादें पूरी होती है।
चकिया से अमितेश कुमार रवि की रिपोर्ट